Biography: Henry Ford - हेनरीं फोर्ड की जीवनी
नाम : | हेनरी फोर्ड |
जन्म : | जुलाई ३०, १८६३ |
मृत्यु : | अप्रैल ७, १९४७ |
गांव : | ग्रीनफ़ील्ड टाउनशिप, मिशीगन, अमेरिका |
व्यवसाय : | फोर्ड कंपनी के मालिक |
पत्नी : | क्लारा जेन ब्रयांट ( शादी १८८८ ) |
बच्चे : | इडसल फोर्ड |
माता, पिता : | मैरी फोर्ड, विलियम फोर्ड |
प्रारंभिक जीवन : हेनरी फोर्ड
- उनके पिता विलियम फोर्ड खेती करते थे और माता मेरी फोर्ड एक गृहणी।
- माता-पिता की छः संतानों में फोर्ड सबसे बड़े थे।
- मशीनों की ओर आकर्षण होने के कारन वो लोगोकी घडिया और बहोतसी चीजे दुरुस्त करते थे। फोर्ड पड़ोसियों के मध्य “वाच रिपेयरमैन” के नाम से मशहूर थे।
- सोलह वर्ष की आयु में वे घर छोड़कर डेट्राइट जा पहुँचे, और “जेम्स एफ. फ्लावर एंड ब्रदर्स” कंपनी में प्रशिक्षु बन गए।
- उसके बाद “डेट्राइट ड्राई डोक कंपनी” में प्रशिक्षु के तौर पर कार्य करने लगे, और रात में घड़ी सुधारने का कार्य करने लगे।
- तीन साल के बाद वो पिता के घर लौटे और उन्होंने “वेस्टिंग हाउस इंजन कंपनी” में नौकरी करना चालू किया। उनका कार्य खेतों में जाकर स्टीम इंजन की सर्वीस देना था, उन दौरान स्टीम इंजन के प्रति उनमें एक जुनून जागृत हुआ।
- २५ वर्ष की आयु में उन्होंने ‘क्लारा ब्रयांट’ से विवाह किया, और वो अपने फार्म के कुछ हिस्से में सॉ मिल चला कर अपना जीवन चलाते थे।

पहली कार बनायीं :
- १८९१ में उन्हें ‘इडिसोंन इल्लुमिनटिंग कंपनी’ इस बड़ी कंपनी में अच्छे पगार की इंजीनियर की नौकरी मिली। बादमे पदोन्नति हुई लेकिन वो अपना बाकिका वक्त गैसोलीन इंजन की प्रयोगो में बिताते थे।
- १८९३ में उन्होंने एक बेसिक कार बनायीं और डेट्राइट में प्रदर्शित की, लेकिन उसमे कई कमिया थी।
- लेकिन इसके बाद उनके नौकरी पे संकट आया, कंपनीने उन्हें ऑफर दिई की आप को जनरल सुप्रिटेडेट की पोस्ट और अच्छा वेतन मिले गा लेकिन आपको उसके बाद आपकी खोज को बंद करना पड़ेगा। तो उन्होंने वो नौकरी छोड़ दी और दबावमुक्त होकर अपनी खोज जारी रखी।
पहली असफल कंपनी :
- डेट्राइट के प्रतिष्ठित उद्योगपति विलियम एच. मोर्फी और अन्य कुछ उद्योगपति ने पैसे लगाकर, १८९९ में ‘डेट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी’ शुरू की।
- कंपनीने २५ कार तैयार की लेकिन बाजार की प्रतियोगिता के सामने वो नहीं चली।
- उसके बाद फोर्ड का संशोधन और मॉडिफिकेशन चालू था लेकिन वक्त तो जा रहा था, उसके वजह से हिस्सेदारों ने अपने पैसे निकलना चालू किया और कंपनी बंद हुई।

दुसरी असफल कंपनी :
- अक्टूबर १९०१ में उन्होंने सी. हेरोल्ड विल्स के साथ मिल के रेसिंग कार बनायीं, और वो कार बहुत फेमस हुई।
- लेकिन सामान्य जनता के लिए कार बनाने का उनका सपना था, तो उन्होंने मोर्फ़ि से दूसरा मौका मांग, तो ये नयी कार की सफलता की वजह से उसने भरोसा किया और १८ नवम्बर १९०१ में "हेनरी फोर्ड कंपनी" की स्थापना हुई।
- उसके बाद दो विचार सामने आये फोर्ड को सामान्य जनता के लिए और निवेशकोको आमिर और महँगी कार बनानी थी। तो इस मतभेद के कारन मोर्फ़िने, फोर्ड के काम को निरक्षण करना चालू किया और उसके लिए उसके ऊपर एक आदमी की पोस्ट बनायीं। तो इस वजह से फोर्ड ने ये कंपनी छोड़ दी, उसके बाद वो नामकरण करके “काडिलाक मोटर वे कंपनी” बन गई।
फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना : हेनरी फोर्ड
- उसके बाद दोबारा फोर्डने रेसिंग कार बनायीं और रेसर बार्नी ओल्डफील्ड ने उसे रेस में चलाकर सफलता पायी। इस के बाद कोयला व्यापारी अलेक्जेंडर मैलेकमसनने निवेश किया और ‘फोर्ड मोटर कंपनी ’ की जून १९०३ में स्थापना हुई।
- कंपनी ने जब पहली कार बाज़ार में उतारी, तो इसे प्रमोट करने कार रेसर बार्नी ओल्डफील्ड इस कार का प्रदर्शन करते हुए देशभर में घूमे। और कार की खपत बहुत अच्छी हुई और १९०४ में कंपनीने १७४५ कार बेंची।
- उसके बाद बाजार में फोर्डने मॉडल-N कार लायी और ९००० मॉडल-N कार १९०७ तक बिकी और बहुत मुनाफा हुआ।
- लेकिन अभी भी हेनरी का सामान्य जनता के लिए कार बनाने का सपना अधूरा ही था। १९०८ में फोर्डने वेनेडियम धातु से मॉडल-T कार बनायीं जो की बाजार में सबसे सस्ती कार थी। इस कार की पब्लिसिटी बहुत हुई और इस वजह से ये एक फेमस कार बन गयी और इसे सब लोग लेने लगे।
असेम्बली लाइन कन्सेप्ट : हेनरी फोर्ड
- ज्यादा उत्पादन निकालने के लिए हेनरी फोर्डने १९१३ में असेम्बली लाइन का कन्सेप्ट निकाला, और कंपनी में इस तकनीकसे उत्पादन चालू किया। इसकी वजहसे कंपनीका नफा १९१४ से १९१६ तक ३ करोड डॉलर से ६ करोड़ डॉलर हो गया।
- १९१८ तक अमरीका में आधी से अधिक कारें फोर्ड की थी।
- १९१८ में हेनरी फोर्डने अपने बेटे एडसेल फोर्ड को प्रेजिडेंट बनाया था, और बाद वही कंपनी के ओनर थे। अभी विलियम क्ले फोर्ड कंपनीके एक्सीक्यूटिव चैयरमेन है।

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