Biography Narendra D Modi  जीवनचरित्र नरेंद्र दामोदरदास मोदी
Biography : Narendra D. Modi - 

जीवनचरित्र : नरेंद्र दामोदरदास मोदी

वैयक्तिक जीवन : नरेंद्र मोदी 

Narendra Modi नरेंद्र दामोदरदास मोदी bachpan ka photo
उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास-हीराबेन मोदी है, उनका जन्म १७ सितम्बर १९५० में वडनगर के एक गुजराती परिवार में हुआ। घरमें उनका तिसरा नंबर था, दो बडे भाई, दो छोटे भाई और एक छोटी बहन। उन्होंने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वो आरएसएस से जुड़ा।
१३ वर्ष की आयु में उनकी सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी और जब उनका विवाह हुआ,तब वो १७ वर्ष के थे। उनकी शादी जरूर हुई परन्तु वो दोनों एक साथ कभी नहीं रहे। शादी के कुछ बरसों बाद उन्होंने घर त्याग दिया।
Narendra Modi नरेंद्र दामोदरदास मोदी sanyas
उन्होंने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केन्द्रों का दौरा किया। १९६९ में वो गुजरात लौट कर अहमदाबाद चले  गये ।१९७१ में वो रएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये। १९७५ में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उनको कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। उन्होंने १९८० में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और एम-एससी की डिग्री प्राप्त की।

राजनीतिक जीवन : नरेंद्र मोदी 

गुजरात राज्य

जब गुजरात में १९९५ के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनायें और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख सारथी की मूमिका में मोदीजी का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथ यात्रा भी मोदीजी की हि देखरेख में आयोजित हुई।
Narendra Modi नरेंद्र दामोदरदास मोदी gujarat mukhyamantri
१९९५ में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते मोदीजीने पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम किया। १९९८ में उनको पदोन्नत करके राष्ट्रीय संगठन का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वो अक्टूबर २००१ तक काम करते रहे ।
गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण मोदीजी को २००१ में गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
उनको जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुन लिया। २००२ के गुजरात दंगों में मोदीजी के प्रशासन को कठोर माना गया, इस दौरान उनके संचालन की आलोचना भी हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेय दिया गया।
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२७ फ़रवरी २००२ को अयोध्या से गुजरात वापस लौट कर आ रहे कारसेवकों को गोधरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में मुसलमानों की हिंसक भीड़ द्वारा आग लगा कर जिन्दा जला दिया गया। इस हादसे में ५९  कारसेवक मारे गये थे। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना की प्रतिक्रिया स्वरूप समूचे गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क उठे। मरने वाले ११८० लोगों में अधिकांश संख्या अल्पसंख्यकों की थी। मोदीजीने गुजरात की दसवीं विधानसभा भंग करने की संस्तुति करते हुए राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राज्य में दोबारा चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने मेरे नेतृत्व में विधान सभा की कुल १८२ सीटों में से १२७ सीटों पर जीत हासिल की।इसीतरह पूर्व काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार उनको ४ बार (२००१ से २०१४ तक) मुख्यमन्त्री चुना।

प्रधानमंत्री पदतक : नरेंद्र मोदी 

१३ सितम्बर २०१३ को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये मोदीजी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। इस अवसर पर पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद नहीं रहे।
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मोदीजी के नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने २०१४ का लोकसभा चुनाव लड़ा और २८२ सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की वाराणसी और अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। मोदीजीने  सोमवार २६ मई २०१४ को प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली।
 उनके राज में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बुनियादी सुविधाओं पर खर्च तेज़ी से बढ़ा। उन्होंने अफसरशाही में कुछ सुधार किये तथा योजना आयोग को हटाकर नीति आयोग का गठन किया।
ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर (4.5करोड़+, जनवरी 2019) वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। देश की आम जनता की बात जाने और उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की। ७० वर्ष से अधिक उम्र के सांसदों एवं विधायकों को मंत्रिपद न देने का कड़ा निर्णय उन्होंने लिया।
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पुरस्कार : नरेंद्र मोदी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दक्षिण कोरिया में सियोल शांति पुरस्कार २०१८ से नवाजा गया।
अप्रैल २०१६ में नरेन्द्र मोदी सउदी अरब के उच्चतम नागरिक सम्मान 'अब्दुलअजीज अल सऊद के आदेश' से सम्मानित किये गये हैं।
जून २०१६ में नरेंद्र मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अमीर अमानुल्ला खान अवॉर्ड से सम्मानित किया।
सितम्बर २०१८ : ' चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड ' -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह सम्मान अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और एक ही बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक से देश को मुक्त कराने के संकल्प के लिए दिया गया।
४ अप्रैल, २०१९ : संयुक्त अरब अमीरात ने अपने देश का 'ऑर्डर ऑफ जयेद' नामक सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किया।
१२ अप्रैल, २०१९ : रूस ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'सेंट ऐण्ड्रू ऑर्डर' से सम्मानित किया।
फ़ोर्ब्स पत्रिका में विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों में २०१४ में १४ वां स्थान, २०१५ में ९ वां स्थान, २०१६९ वां स्थान सम्मानित किया।
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