योगी आदित्यनाथ मठपती से मंत्री तक और उनकी पुरी जीवनी
Yogi Adityanath Biography |
योगी आदित्यनाथ मठपती से मंत्री तक और उनकी पुरी जीवनी
Short Summery :
- योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मन्दिर के मठपती बने, और अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बने ।
- योगीजी १९९८ से २०१७ गोरखपुर से लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर एक बार भी नहीं हारे और २०१७ बाद वो उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- योगीजी हिन्दू युवाओं के समूह,"हिन्दू युवा वाहिनी" के संस्थापक भी है, जिसके के कारन एक बार उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ था ।
प्रारंभिक जीवन : योगी आदित्यनाथ
- ५ जून १९७२ को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले में पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ।
- इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है, जो एक वन क्षेत्रपाल थे। तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। योगीजी को ३ बड़ी बहने, १ बड़े भाई और २ छोटे भाई है।
- 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट की मृत्यु हो गई।

शिक्षण : योगी आदित्यनाथ
- इन्होंने १९७७ में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व १९८७ में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की।
- सन १९८९ में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
- योगीजी १९९० में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।
- १९९२ में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से योगीजीने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की।

महंत तक का प्रवास : योगी आदित्यनाथ
- १९९३ में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए। गोरखपुर प्रवास के दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे, जो इनके पड़ोस के गांव के निवासी और योगीजीके परिवार के पुराने परिचित थे।
- अंततः ये महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। १९९४ में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।
- १२ सितंबर २०१४ को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगीजीको यहाँ का महंत बनाया गया। २ दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।
- महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से १९९१ तथा १९९६ का लोकसभा चुनाव जीत चुके थे।

राजनीतिक जीवन : योगी आदित्यनाथ
- सबसे पहले १९९८ में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपसे लोक सभा चुनाव लड़े और जीत गए। तब योगीजीकी उम्र केवल २६ वर्ष थी और तब वो सबसे युवा सांसद थे।
- १९९८ से लगातार २०१७ तक वो गोरखपुर से चुनाव जीतते आये है।
- २०१७ में नरेंद्र मोदी की देखरेख में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया।
- १९ मार्च २०१७ में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।

आजमगढ़ का हमला :
- ७ सितम्बर २००८ जब योगीजी हिन्दू वाहिनी के कार्यक्रम में जा रहे थे तो पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। इस हमले में वे बाल-बाल बचे।
गोरखपुर के दंगे :
- २००७ में मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी थी । जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है।
- तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की।
- अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ सभा की गयी।
- योगीजी और हजारों समर्थकों जेल भेज दिया गया।
- उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे जला दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।
- यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए। उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी थी ।
धर्मांतरण :
- २००५ में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर १८०० ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया था।
मुख्यमंत्री पद की शपथ : योगी आदित्यनाथ
- योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ।
- इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने।
- समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। मंच पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे।

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1 Comments
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